Suhani Singh

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चाहत की कहानी यूँ तो सदियों पुरानी। Suhani Singh

चाहत की कहानी यूँ तो सदियों पुरानी।
हर रोज लिखी जाती,
हर रोज पढ़ी जाती।
हर रोज नई लगती,
है इसकी निशानी।
कभी नजरों तो कभी धड़कनों से,
बयां होती है हर किसी की जुबानी।
 By Suhani Singh


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