Suhani Singh

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तपती हुई रेत पर पानी की फुहार तुम।

तपती हुई रेत पर पानी की फुहार तुम।
दर्द से बेचैन दिल की प्यार की पुकार तुम।।
मुश्किलों के दौर में सवाल का जवाब तुम।
साया बनके चल रहा अपना सा अहसास तुम।।
उदासियों के साये में,खुशयों का आगाज तुम।
तपती हुई रेत पर पानी की फुहार तुम।
दर्द से बेचैन दिल की प्यार की पुकार तुम।।
प्यार का पैगाम तुम,चाहत का मुकाम तुम।
धड़कनों में गूँजती,वो सुरीली तान तुम।।
चांदनी रात में चाँद का ख्याल तुम।
खिलते गुलाब की खुशबू का अहसास तुम।।
By Suhani singh

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