Suhani Singh

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हमराही बनकर साथ चलो।Suhani Singh

हमराही बनकर साथ चलो।
हमराज अगर तुम बन जाओ।
ख़ामोश लबों के मुखड़े को,
 मिल जाये फिर अल्फाज कोई।
थोड़ी सी हंसी,थोड़ी सी खुशी,
थोड़ा गम भी हो तो कोई बात नहीं।
तुम हाथ पकड़कर साथ चलो,
तो हो दर्द का यूँ अहसास नहीं।
By Suhani Singh

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